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एक अंधेरी रात

घने जंगल के बीच, एक अकेला योद्धा चलता जा रहा था। उसकी आँखें आग की तरह जल रही थीं और उसकी पीठ पर एक विशाल तलवार बंधी थी, इतनी भारी कि सामान्य इंसान उसे उठाना भी मुश्किल समझता। उसका नाम था गट्स। वह अपने बीते हुए कल से भाग रहा था, एक ऐसा कल जिसे वह भूलना चाहता था, लेकिन भागने की कोशिश में हर कदम पर वही अतीत उसके सामने आ खड़ा होता था।

रात घनी और स्याह थी। आसमान में चमकते तारे भी उस अंधकार को भेदने में असमर्थ थे। अचानक, उसे जंगल के अंदर से कुछ अजीब सी आवाज़ें सुनाई दीं। वह चौकन्ना हो गया। उसके कदम धीमे हो गए, और उसकी आँखें उस दिशा में घूम गईं जहाँ से आवाज़ें आ रही थीं।

वह धीरे-धीरे उस दिशा में बढ़ा। कुछ ही दूरी पर, उसने देखा कि एक समूह दानवों का, जंगल के एक हिस्से में इंसानों पर हमला कर रहा था। वह निरीह ग्रामीण थे, जिनके पास कोई हथियार नहीं था, कोई बचाव का साधन नहीं था। गट्स ने अपनी तलवार खींची। उसकी तलवार की चमक ने अंधेरी रात को चीर दिया।

“तुम सब मरोगे,” गट्स ने गुस्से से कहा।

दानव उसकी ओर मुड़े, उनकी आँखों में क्रूरता और लालच था। वे उसकी ओर लपके, लेकिन गट्स की तलवार ने हवा को चीरते हुए उनकी गर्दनों को काट डाला। खून की बौछार हर दिशा में फैल गई। गट्स की हर वार में क्रोध और प्रतिशोध था। उसके वार इतने तीव्र थे कि दानव संभल भी नहीं पाए।

लेकिन युद्ध के बाद भी उसकी आँखों में चैन नहीं था। उसकी तलवार भारी हो चुकी थी, पर उसका दिल और भी भारी था। वह जानता था कि वह जितने भी दानव मारे, उसकी आत्मा को शांति नहीं मिलने वाली। वह एक अंतहीन युद्ध में फंसा था, एक ऐसा युद्ध जो उसे बार-बार मौत के करीब ले जाता था, पर मरने नहीं देता था।

गट्स ने अपने घावों की परवाह किए बिना फिर से जंगल में कदम रखा। वह जानता था कि यह लड़ाई कभी खत्म नहीं होगी। उसकी किस्मत में सिर्फ खून और अंधकार लिखा था। वह एक ऐसा योद्धा था जो नसीब के खिलाफ अकेले ही खड़ा था।

यह कहानी Berserk के मुख्य पात्र गट्स और उसकी पहली लड़ाई से प्रेरित है, जहाँ वह अपने अतीत के दानवों से जूझता है।

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