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जादुई सीसे की कहानी

बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक गरीब किसान रहता था। उसका नाम रामू था। रामू मेहनती और ईमानदार था, लेकिन उसकी किस्मत हमेशा उसका साथ नहीं देती थी। एक दिन, जब वह अपने खेत में काम कर रहा था, उसे एक चमकता हुआ सीसा मिला। यह कोई आम सीसा नहीं था; यह जादुई सीसा था।

जब रामू ने उस सीसे को हाथ में लिया, तो अचानक एक हल्की सी आवाज आई, “मेरे मालिक, मुझे अपने मन की बात बताओ, मैं तुम्हारी हर इच्छा पूरी कर सकता हूँ।” रामू ने पहले तो विश्वास नहीं किया, लेकिन फिर उसने सोच लिया कि यह एक सुनहरा अवसर है।

रामू ने अपनी पहली इच्छा बताई, “मैं चाहता हूँ कि मेरे खेत में फसल भरपूर हो।” जैसे ही उसने यह कहा, सीसा चमक उठा और खेत में फसल लहलहाने लगी। रामू खुशी से झूम उठा। अब उसके पास इतनी फसल थी कि वह ना केवल अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकता था, बल्कि गाँव के अन्य लोगों की मदद भी कर सकता था।

लेकिन जल्द ही, रामू की इच्छाएँ बढ़ने लगीं। उसने सोचा, “अगर मेरी फसल इतनी अच्छी है, तो क्यों न मैं एक बड़ा घर बनवाऊँ?” उसने फिर से सीसे की ओर देखा और अपनी नई इच्छा बताई। सीसा फिर से चमका और अगले ही पल रामू के पास एक शानदार घर था।

रामू की खुशियाँ बढ़ती गईं, लेकिन साथ ही उसकी इच्छाएँ भी। उसने सोचा, “अगर मुझे इतना धन मिल गया है, तो क्यों न मैं राजा बन जाऊँ?” इस बार सीसा ने एक बार फिर उसकी इच्छा पूरी की, और रामू एक राजा बन गया।

राजा बनने के बाद, रामू ने बहुत सारे ऐशो-आराम करने लगे, लेकिन जल्द ही वह भूल गया कि उसकी असली खुशी उसके मेहनत और सच्चाई में थी। उसने अपने पुराने दोस्तों को भूलना शुरू कर दिया और गाँव के लोगों की मदद करना बंद कर दिया। उसकी जादुई सीसे से प्राप्त की गई शक्ति ने उसे घमंडी बना दिया।

एक दिन, एक साधू उसकी दरबार में आए। उन्होंने रामू की स्थिति देखी और कहा, “हे राजा, तुम्हें याद है कि तुम कैसे एक साधारण किसान थे? तुम्हारी खुशी सच्चाई और मेहनत में है, ना कि इस धन में।” रामू को यह सुनकर अपनी गलती का एहसास हुआ।

उसने साधू से कहा, “मैं अपनी गलतियों को समझ गया हूँ। मैं वापस अपनी पुरानी जिंदगी में लौटना चाहता हूँ।” साधू ने मुस्कराते हुए कहा, “तुम्हें अपनी इच्छाएँ त्यागनी होंगी।” रामू ने फिर से सीसे की ओर देखा और कहा, “मैं चाहता हूँ कि सब कुछ पहले जैसा हो जाए।”

सीसा एक बार फिर चमका, और सब कुछ बदल गया। रामू फिर से एक गरीब किसान बन गया, लेकिन इस बार उसके दिल में संतोष था। उसने अपने गाँववालों की मदद करना शुरू किया और अपनी मेहनत से खुश रहने लगा।

इस अनुभव ने उसे सिखाया कि असली खुशी कभी भी बाहरी चीजों में नहीं होती, बल्कि सच्चाई और मेहनत में होती है। और इस तरह, रामू ने जादुई सीसे की कहानी को एक सीख के रूप में हमेशा के लिए अपने दिल में संजोकर रखा।

समाप्त

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