टूटे हुए दिल की कहानी
रागिनी और आरव की मुलाकात तब हुई जब दोनों ने कॉलेज में कदम रखा था। वह समय उनके जीवन का सबसे सुंदर और उत्साही समय था, जब नई उमंगें और सपने दोनों के दिलों में बसते थे। रागिनी एक सादा और शांत स्वभाव वाली लड़की थी, जबकि आरव हमेशा जीवन को खुलकर जीने में विश्वास रखता था। धीरे-धीरे, उनकी मुलाकातें दोस्ती में बदल गईं, और वह दोस्ती प्यार में तब्दील हो गई।
कॉलेज के चार साल उन्होंने साथ बिताए, और उन सालों में न जाने कितनी यादें बनीं। दोनों ने साथ में पढ़ाई की, साथ में घूमा-फिरा, और अपने सपनों के बारे में बातें कीं। दोनों को ऐसा लगता था कि उनकी कहानी हमेशा के लिए है, और कोई भी उन्हें अलग नहीं कर सकता।
कॉलेज के बाद, आरव को एक बड़ी कंपनी से नौकरी का प्रस्ताव मिला। यह मौका उसके करियर के लिए बहुत महत्वपूर्ण था, लेकिन इसमें एक शर्त थी—उसे विदेश में जाकर काम करना था, और वह अनुबंध कम से कम दो साल का था। रागिनी के लिए यह खबर खुशी और दुख दोनों लेकर आई। वह खुश थी कि आरव का सपना पूरा हो रहा था, लेकिन दुखी थी कि वह उससे दूर जा रहा था।
आरव ने उसे समझाया, “यह सिर्फ कुछ समय की बात है, फिर मैं वापस लौट आऊंगा। हमारा प्यार इतना मजबूत है कि कोई दूरी उसे कमजोर नहीं कर सकती।” रागिनी ने भी खुद को यही समझाया और उसे मुस्कुराते हुए विदा किया।
शुरुआती कुछ महीने अच्छे बीते। वे दोनों एक-दूसरे से वीडियो कॉल पर बातें करते, मैसेज करते, और अपनी-अपनी ज़िंदगी की छोटी-बड़ी बातें साझा करते। लेकिन धीरे-धीरे, चीजें बदलने लगीं। आरव की ज़िम्मेदारियाँ बढ़ गईं, और उसकी बातचीत में वह गर्मजोशी कम हो गई। पहले जितना समय वह रागिनी के लिए निकालता था, अब वह नहीं निकाल पा रहा था। रागिनी ने इसे समझने की कोशिश की, लेकिन उसके दिल में एक डर बैठ गया था।
एक दिन, आरव ने फोन किया और बहुत ठंडी आवाज़ में कहा, “रागिनी, मुझे तुमसे कुछ बात करनी है।” रागिनी का दिल धड़क उठा। उसने हल्के स्वर में कहा, “क्या हुआ, सब ठीक तो है?” आरव ने एक लंबी सांस ली और कहा, “देखो, हमें एक सच्चाई का सामना करना पड़ेगा। मैं अब इस रिश्ते को और आगे नहीं बढ़ा सकता। यह मेरे लिए मुश्किल हो रहा है, और शायद तुम्हारे लिए भी।”
रागिनी की आंखों से आंसू बहने लगे। उसने बहुत कोशिश की कि उसकी आवाज़ न रुके, लेकिन वह खुद को संभाल नहीं पाई। “तुम ऐसा कैसे कह सकते हो, आरव? हमने साथ में कितने सपने देखे थे। क्या वह सब कुछ भी नहीं है?” आरव ने नर्म आवाज़ में कहा, “रागिनी, मैं जानता हूँ कि हमने बहुत कुछ सोचा था, लेकिन चीजें बदल गई हैं। मेरे करियर, मेरे लक्ष्य, और… मेरी ज़िंदगी। मैं अब इस रिश्ते को उस तरह से निभा नहीं सकता, जैसे पहले करता था।”
रागिनी की दुनिया एक पल में बिखर गई। उसे लगा जैसे उसके दिल से किसी ने उसकी सारी खुशियाँ छीन ली हों। उसने आरव से बार-बार बात करने की कोशिश की, उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन आरव का मन अब बदल चुका था। उसने एक कठोर निर्णय ले लिया था, और रागिनी उसे रोक नहीं पाई।
आरव के जाने के बाद, रागिनी बुरी तरह टूट गई। वह दिन-रात उसके बारे में सोचती रहती, उसकी यादों में खोई रहती। उसने खुद को अकेलेपन के घेरे में बंद कर लिया। उसकी हंसी कहीं खो गई थी, और ज़िंदगी एक सूनेपन में बदल गई थी।
लेकिन वक्त के साथ, उसने महसूस किया कि वह इस तरह खुद को बर्बाद नहीं कर सकती। उसने सोचा कि अगर वह आरव के बिना ज़िंदगी जीने के काबिल नहीं है, तो यह उसकी खुद की गलती है। उसने धीरे-धीरे खुद को संभालना शुरू किया।
रागिनी ने अपने करियर पर ध्यान देना शुरू किया। उसने अपने सपनों को नए सिरे से संजोया। उसने महसूस किया कि ज़िंदगी में एक व्यक्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण खुद की खुशियाँ और आत्म-सम्मान है। उसने वह सारे काम किए जो वह हमेशा से करना चाहती थी, लेकिन कभी कर नहीं पाई थी।
उसने खुद को न सिर्फ फिर से पाया, बल्कि एक नई ताकत से भरपूर पाया। आरव की यादें अब भी उसके दिल में थीं, लेकिन वह उसे अब कमजोर नहीं करती थीं। उसने सीखा कि प्यार सिर्फ किसी और से नहीं, बल्कि खुद से भी करना ज़रूरी है।
रागिनी की कहानी सिर्फ एक टूटे हुए दिल की नहीं थी, बल्कि एक नई शुरुआत की थी। उसने महसूस किया कि ज़िंदगी में किसी के जाने से सब कुछ खत्म नहीं होता, बल्कि एक नया रास्ता भी खुलता है। उसने खुद को फिर से पाया, और यह समझ लिया कि अपनी ज़िंदगी की कदर करना ही असली खुशी है।