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बहादुर पक्षी की कहानी भूहोत ही मज़ेदार है जरुर सुनयेगा 

एक बार की बात है, एक घने और हरे-भरे जंगल में एक अद्भुत और बहादुर पक्षी निवास करता था। उसका नाम था चिरपाक। चिरपाक एक सुंदर और रंग-बिरंगा पक्षी था, जिसकी चोंच और पंख बहुत ही आकर्षक थे। लेकिन उसकी सुंदरता केवल बाहरी नहीं थी; उसके भीतर एक असाधारण साहस और बहादुरी भी छिपी हुई थी।

चिरपाक का जंगल कई खतरों से भरा हुआ था। बड़े-बड़े शिकारियों और अन्य खतरनाक जानवरों की उपस्थिति हमेशा बनी रहती थी। लेकिन चिरपाक कभी भी डर के साए में नहीं रहता था। वह हमेशा जंगल के अन्य जानवरों की मदद के लिए तैयार रहता था।

एक दिन, जंगल में एक भयानक संकट आ गया। एक विशाल और हिंसक तेंदुआ ने जंगल में कदम रखा। तेंदुए की आग उगलती आँखें और खतरनाक पंजे सबको भयभीत कर रहे थे। सभी जानवर डर के मारे जंगल के अलग-अलग कोनों में छिपने लगे। लेकिन चिरपाक ने अपनी बहादुरी का परिचय देने का निश्चय किया।

चिरपाक ने तेंदुए की दिशा में उड़ते हुए अपनी पूरी ताकद झोंक दी। उसने तेंदुए के चारों ओर चक्कर लगाए, उसे गुस्से में डालने की कोशिश की। तेंदुआ चिरपाक की इस बहादुरी को देखकर और भी क्रोधित हो गया, लेकिन चिरपाक ने अपनी चालाकी और गति का उपयोग करते हुए तेंदुए को दूर भगा दिया।

जब तेंदुआ जंगल से चला गया, तो सभी जानवर बाहर आए और चिरपाक की बहादुरी की प्रशंसा करने लगे। उन्होंने चिरपाक को ‘जंगल का नायक’ मान लिया। चिरपाक ने सबको यह सिखाया कि साहस और बहादुरी केवल शारीरिक शक्ति से नहीं, बल्कि दिल की दृढ़ता और समझदारी से भी होती है।

इस प्रकार, चिरपाक ने अपने साहस और बहादुरी से जंगल के सभी जानवरों को सुरक्षा का अहसास कराया और उसकी कहानी हमेशा के लिए जंगल में एक प्रेरणा बन गई।

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