बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गांव में एक गरीब किसान और उसकी पत्नी रहते थे। उनका नाम रामु और सुमति था। उनके पास सिर्फ एक पुराना घड़ा था, जो बहुत ही साधारण दिखता था, लेकिन उनके लिए यह बहुत कीमती था क्योंकि यह उनके दीन-दुनिया का एकमात्र संपत्ति था।
एक दिन, रामु खेत में काम कर रहा था और उसकी आँखों के सामने एक चमकदार पत्थर नजर आया। उसे बड़ा हीरा समझकर उसने उसे उठाया और घर ले आया। सुमति ने हीरा देखा और खुशी से उछल पड़ी। उन्होंने हीरा गांव के सबसे अमीर व्यापारी को बेचा और पैसे से भरपूर जादुई घड़ा खरीदा। यह घड़ा देखने में तो साधारण था, लेकिन इसके बारे में गांव भर में अफवाहें थीं कि यह घड़ा हर इच्छा पूरी करता है।
- पहली बार, रामु और सुमति ने घड़ा देखा और सोचा कि शायद यह सिर्फ एक अफवाह है। लेकिन जैसे ही उन्होंने घड़ा को पानी से भरा और उसकी ओर इशारा किया, एक चमत्कार हुआ। घड़े से एक अमूल्य सोने की थाली बाहर निकली। रामु और सुमति ने देखा कि घड़ा सचमुच जादुई था।
वे दोनों बहुत खुश हुए और उन्होंने घड़ा का इस्तेमाल करके अपनी सभी इच्छाओं को पूरा किया। उन्होंने घर को सजाया, खेती में सुधार किया और गांव के लोगों की मदद भी की। गांव वालों ने देखा कि रामु और सुमति के पास अनगिनत धन है, लेकिन वे फिर भी सबके साथ खुशी से रहते हैं और किसी को भी निराश नहीं करते।
समय बीतता गया और लोग उनकी खुशियों की कहानियों को सुनकर आश्चर्यचकित होते गए। अंततः, रामु और सुमति ने सोचा कि जादुई घड़े को अब किसी और को देना चाहिए, ताकि उसकी मदद से और लोगों की जिंदगी सुधर सके।
वे घड़ा गांव के एक गरीब और ईमानदार लड़के को दिया और कहा कि इसका उपयोग गांव की भलाई के लिए किया जाए। लड़के ने घड़ा लिया और उसकी मदद से गांव में समृद्धि लाने का काम किया। रामु और सुमति की तरह, वह भी घड़े के जादू का सही उपयोग करता रहा।
इस तरह, जादुई घड़े का जादू पूरे गांव में फैल गया और सभी लोग सुखी और खुशहाल हो गए। रामु और सुमति ने अपने जीवन की सबसे बड़ी खुशी इसी में पाई कि उन्होंने अपनी समृद्धि और सुख को दूसरों के साथ साझा किया।
कहानी का यह संदेश है कि सच्ची खुशी और समृद्धि तभी मिलती है जब हम अपनी खुशियों को दूसरों के साथ बांटते हैं और एक दूसरे की मदद करते हैं।