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बाहादुर मेंडक की कहानी एक साहसी मेंडक की है जो अपने छोटे से तालाब में रहता था। एक दिन, उसने सुना कि पास के जंगल में एक बड़ा खतरा आ रहा है। बाकी मेंडक डर के मारे भागने लगे, लेकिन बाहादुर मेंडक ने ठान लिया कि वह अपनी जड़ों से तालाब की रक्षा करेगा।

उसने अपने दोस्तों को एकजुट किया और सबको प्रेरित किया। वे मिलकर योजना बनाने लगे। बाहादुर मेंडक ने जंगल में जाकर वहां के जानवरों से बात की और उन्हें समझाया कि तालाब का महत्व क्या है। धीरे-धीरे, उसकी बहादुरी और समझदारी से बाकी मेंडक भी उसके साथ आए।

आखिरकार, एक बड़े संकट के समय, उन्होंने मिलकर जंगल के जानवरों से मुकाबला किया। बाहादुर मेंडक की बुद्धिमानी और साहस ने न केवल तालाब को बचाया, बल्कि सभी मेंडकों को एकजुट किया। इस घटना के बाद, वह तालाब का नायक बन गया और उसकी कहानी सदियों तक सुनाई गई।

इस प्रकार, बाहादुर मेंडक ने साबित कर दिया कि सच्ची बहादुरी और एकता से कोई भी संकट पार किया जा सकता है।

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