एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक साधारण आदमी, रामू, रहता था। वह अपने खेत में मेहनत करता और अपनी पत्नी, सीता, और दो बच्चों के साथ सुखी जीवन बिताता था। लेकिन एक रात, जब रामू अपने खेत से लौट रहा था, उसने एक रहस्यमय गुफा देखी। उसके मन में जिज्ञासा हुई और वह गुफा के भीतर चला गया।
गुफा में, उसे एक पुरानी किताब मिली, जिसमें जिनों के बारे में लिखा था। किताब में कहा गया था कि जो भी इस किताब को पढ़ेगा, वह जिनों को बुला सकता है। रामू ने सोचते-सोचते किताब के जादुई शब्द पढ़े। अचानक, एक चमकदार जिन प्रकट हुआ। जिन ने रामू से कहा, “मैं तुम्हारी तीन इच्छाएँ पूरी कर सकता हूँ।”
रामू ने पहले सोचा कि उसे क्या चाहिए। उसकी पहली इच्छा थी, “मैं चाहता हूँ कि मेरे खेत में हमेशा अच्छी फसल हो।” जिन ने तुरंत उसकी इच्छा पूरी की। रामू के खेत में हर बार भरपूर फसल होती थी और वह खुश रहने लगा।
दूसरी इच्छा में, रामू ने कहा, “मैं चाहता हूँ कि मेरे परिवार की सभी इच्छाएँ पूरी हों।” जिन ने फिर से उसकी इच्छा को पूरा किया, और रामू के परिवार में सभी खुश रहने लगे।
लेकिन जब रामू ने तीसरी इच्छा के बारे में सोचा, वह उलझन में पड़ गया। उसने देखा कि उसकी खुशी से लोग जलने लगे थे। गाँव के लोग अब उससे जलने लगे थे क्योंकि उसकी किस्मत बदल गई थी। वह चाहता था कि सब खुश रहें, लेकिन यह संभव नहीं था।
आखिरकार, उसने जिन से कहा, “मैं चाहता हूँ कि सभी लोग एक-दूसरे की मदद करें और खुश रहें।” जिन ने उसकी तीसरी इच्छा पूरी की, और गाँव में सभी लोग एकजुट हो गए। वे एक-दूसरे की मदद करने लगे और गाँव में खुशहाली छा गई।
इस तरह, रामू ने अपने समझदारी से जिन की शक्तियों का उपयोग किया और न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे गाँव को खुशहाल बना दिया। रामू ने सीखा कि सच्ची खुशी दूसरों की खुशी में है, और यही सबसे बड़ा जादू है।
गाँव के लोग हमेशा रामू को याद करते रहे, और उसकी कहानी पीढ़ी दर पीढ़ी सुनाई जाती रही।