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सुंदर जुगनू की कहानी

एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में सुंदर नाम का एक जुगनू रहता था। उसका रंग सुनहरा और चमकीला था, जो रात में अपनी रोशनी से सबको आकर्षित करता था। सुंदर हमेशा खुश रहता और अपनी रोशनी से गांव के बच्चों का मनोरंजन करता।

सुंदर को अपनी रोशनी पर गर्व था, लेकिन उसे यह महसूस नहीं था कि उसकी असली खूबसूरती उसकी आत्मा में है। एक रात, जब सभी बच्चे खेल रहे थे, उन्होंने सुंदर से कहा, “तुम्हारी रोशनी बहुत सुंदर है, लेकिन क्या तुम हमें अपने बारे में कुछ और बताना चाहोगे?”

सुंदर ने सोचा कि यह एक अच्छा मौका है, तो उसने कहा, “मैं एक जुगनू हूं, लेकिन मेरी रोशनी सिर्फ बाहरी नहीं है। मैं भी दोस्ती, प्यार और खुशी की रोशनी फैलाता हूं।”

बच्चों ने पूछा, “तुम्हारी रोशनी हमें कैसे मदद करती है?” सुंदर ने कहा, “जब मैं चमकता हूं, तो आप सभी को अंधेरे से डरने की जरूरत नहीं होती। मैं आपको यह सिखाता हूं कि हर अंधेरा खत्म होता है और हर समस्या का हल होता है।”

एक दिन, गांव में एक बड़ा तूफान आया। बच्चे डर गए और घरों में छिप गए। लेकिन सुंदर ने तय किया कि वह उन्हें नहीं छोड़ सकता। उसने अपनी पूरी ताकत लगाई और अपनी रोशनी को और तेज़ किया। उसकी चमक ने बच्चों को बाहर आने का साहस दिया। वे एक-दूसरे का हाथ थामे बाहर आए और सुंदर के चारों ओर खड़े हो गए।

तूफान के बाद, जब सब कुछ शांत हुआ, तो बच्चों ने देखा कि सुंदर की रोशनी ने न सिर्फ उन्हें डर से बचाया, बल्कि उन्हें एकजुट भी किया। सबने मिलकर तूफान में टूटे पेड़ों और बिखरे हुए सामान को एक साथ साफ किया।

इस घटना के बाद, सुंदर ने समझा कि उसकी असली शक्ति उसकी रोशनी में नहीं, बल्कि उसकी क्षमता में है कि वह लोगों को एक साथ ला सके। अब, वह सिर्फ एक जुगनू नहीं था; वह गांव का एक सच्चा मित्र और मार्गदर्शक बन गया था।

इस तरह, सुंदर जुगनू ने न केवल अपनी रोशनी से, बल्कि अपने अच्छे दिल से भी सबका दिल जीत लिया। और गांव के बच्चे हर रात उसकी चमक में न केवल खूबसूरती देखते, बल्कि एकता और दोस्ती का संदेश भी समझते।

सीख

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि असली सुंदरता सिर्फ बाहरी रूप में नहीं होती, बल्कि अंदर से भी होती है। दोस्ती, प्रेम और एकता की रोशनी ही सबसे चमकीली होती है।

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