दो भाईयों की कहानी:
बहुत समय पहले एक छोटे से गांव में दो भाई रहते थे। बड़े भाई का नाम रामू था और छोटे भाई का नाम श्यामू था। रामू हमेशा मेहनत करता था और खेती-बाड़ी में व्यस्त रहता था। श्यामू, इसके विपरीत, अक्सर आलसी रहता और काम से बचने के तरीके ढूंढता रहता था।
एक दिन गांव में सूखा पड़ा और फसलें खराब हो गईं। रामू ने इस कठिन समय में भी मेहनत की और जंगली फल-फूल इकट्ठा कर परिवार की गुजर-बसर की। वह अपने छोटे भाई श्यामू को भी काम में हाथ बटाने के लिए कहता, लेकिन श्यामू हर बार बहाना बना देता।
समय बीतता गया और सूखा खत्म हुआ। जब बारिश आई, तो फसलें लहलहा उठीं। रामू की मेहनत से उसकी फसल अच्छी हुई और वह खुशहाल हो गया। दूसरी ओर, श्यामू की आलसी प्रवृत्ति के कारण उसकी फसलें ठीक से नहीं हुईं और उसे बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
श्यामू ने अपने हालात को देखकर महसूस किया कि मेहनत और ईमानदारी से किया गया काम ही असली फल देता है। उसने रामू से माफी मांगी और मेहनत करने का प्रण लिया। रामू ने उसे क्षमा कर दिया और दोनों भाई एक नई शुरुआत करने लगे।
इस तरह, श्यामू ने सीखा कि मेहनत और परिश्रम से ही जीवन में सफलता और खुशहाली आती है। भाई-भाई के इस रिश्ते ने उन्हें सिखाया कि एक-दूसरे के साथ मिलकर और ईमानदारी से काम करना कितना महत्वपूर्ण होता है।
1 Comment
Deepak Kumar
4 months agonice post
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