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अहान रायजादा, नाम से ही लगता है कि वह किसी ऊँचे घराने से ताल्लुक रखता होगा। एक ऐसा व्यक्ति जिसकी ज़िंदगी ऐशो-आराम से भरी होनी चाहिए, लेकिन वास्तव में उसकी हालत कुछ और ही थी। अहान करोड़पति परिवार के दामाद थे, लेकिन उनका हाल ऐसा था कि घर के नौकर भी उन पर तरस खाते थे।

अहान की ज़िंदगी में सिर्फ तीन चीज़ें थी: बेइज्जती, और भी ज़्यादा बेइज्जती, और सबसे ऊपर वाली बेइज्जती। जबकि लोग सोचते थे कि अहान भी अपनी आलीशान कार में घूमता होगा, महंगे क्लबों में जाता होगा, लेकिन असलियत में वह इन सब से कोसों दूर था।

अहान के सपनों में अक्सर एक ही ख्याल आता था कि एक दिन वह अपनी बीवी शनाया को किसी महंगे होटल में ले जाएगा, उसे टशन में खाना खिलाएगा, और फिर रोमांटिक अंदाज में उसके साथ डांस करेगा। लेकिन, असलियत में जब वह सोते-सोते अपने तकिये को जोर से गले लगाता तो अचानक उसका मोबाइल बज उठता।

आंख मलते हुए वह देखता है कि शगुन का फोन है। शगुन, जो शनाया की कज़िन थी, हमेशा अहान को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ती थी।

शगुन उसे कहती है कि उसे साहू ज्वैलर्स से अपना नेकलेस लाना है और साथ में 30,000 रुपये भी मिलेंगे, जिसमें से एक भी पैसा कम नहीं होना चाहिए। अहान मजबूर होकर तैयार हो जाता है, लेकिन उसका दिल अंदर ही अंदर तिलमिला उठता है।

जल्दी-जल्दी तैयार होकर, वह बाहर निकलता है तो उसकी सास, यामिनी, अपनी सहेलियों के साथ रमी पार्टी में व्यस्त होती हैं। उनमें से एक सहेली की सैंडल टूट जाती है, और यामिनी उसे अहान से ठीक करवाने को कह देती हैं।

अहान को बुरा तो लगता है, लेकिन अब वह इस सब का आदी हो चुका था। उसे याद था कि आज उसका बर्थडे है, लेकिन यह सिर्फ उसे ही याद था। वह जैसे ही कहने की कोशिश करता है कि उसे शगुन के काम से जाना है, उसकी सास उसे आंखें दिखाकर चुप करा देती है।

अहान के मन में दुख और गुस्से का मिला-जुला सैलाब उठता है, लेकिन वह किसी तरह खुद को संभालते हुए बाहर निकल आता है।

रास्ते में, शनाया का मैसेज आता है जिसमें वह उसे ऑफिस बुलाती है। अहान के लिए जैसे सारी टेंशन खत्म हो जाती है। वह सोचता है कि शायद शनाया ने उसे उसके बर्थडे के लिए बुलाया है। वह रास्ते में एक बुके खरीदता है और फिर ऑफिस की तरफ निकल पड़ता है।

ऑफिस में पहुँचने पर वह देव मल्होत्रा से टकरा जाता है, जो शनाया का क्लाइंट है। मल्होत्रा उसे नौकर समझकर बुरी तरह से डांटता है और उसके बुके को कुचल कर चला जाता है।

शनाया यह सब कुछ अपने केबिन से देख रही होती है, लेकिन वह बाहर आकर अहान को और भी ज्यादा नीचा दिखाती है। वह कहती है कि वह अहान से नफरत करती है, और उसे अपनी ज़िंदगी से निकल जाने को कहती है। शनाया उसे यह भी बताती है कि वह सिर्फ इसलिए उसे ऑफिस बुलाई थी क्योंकि उसका ड्राइवर नहीं था।

अहान का दिल टूट जाता है, लेकिन वह फिर भी शनाया से प्यार करता है। वह मन ही मन यह सोचता है कि एक दिन वह शनाया को दुनिया की सारी खुशियाँ देगा और साबित करेगा कि वह उसकी मोहब्बत के काबिल है।

जैसे ही वह बाहर निकलता है, एक काली लग्जरी कार उसके सामने आकर रुकती है। उसमें से एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति बाहर निकलता है और अहान से कहता है कि रायजादा ग्रुप का बिज़नेस इंपायर उसका इंतजार कर रहा है।

अब सवाल यह है कि यह आदमी कौन है? अहान की असली पहचान क्या है  और उसकी ज़िंदगी में यह मोड़ कैसे आया?

इन सारे सवालों के जवाब के लिए कहानी आगे जारी रहेगी।

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