अरब के एक पुराने शहर में अलादीन नाम का एक गरीब लड़का रहता था। अलादीन चालाक, चपल और खुशमिजाज था, लेकिन उसके जीवन में बड़ा कुछ करने की ख्वाहिश थी। उसकी मां मेहनती थी और कपड़े सिलकर उनका गुजारा करती थी। अलादीन, हालांकि चपल था, अक्सर बेकार घूमता रहता और कुछ काम नहीं करता था।
एक दिन, बाजार में अलादीन की मुलाकात एक रहस्यमय जादूगर से हुई, जिसने खुद को उसके मृत पिता का दोस्त बताया। जादूगर की नजर में कुछ खतरनाक योजनाएं थीं। उसने अलादीन से कहा, “तुम्हारे पिता मेरे पुराने मित्र थे, और मैं चाहता हूं कि तुम्हारी और तुम्हारी मां की मदद करूं। लेकिन पहले मुझे तुम्हारी मदद की जरूरत है।”
जादूगर ने अलादीन को एक गुफा के पास ले जाकर उसे एक काम करने का लालच दिया। उसने कहा, “गुफा में जाकर एक पुराना चिराग उठाओ, और मैं तुम्हें अमीर बना दूंगा।” अलादीन ने बिना ज्यादा सोचे-समझे उसकी बात मान ली। गुफा के पास पहुंचने के बाद जादूगर ने कुछ मंत्र पढ़े, और गुफा का दरवाजा खुल गया। गुफा के अंदर बेशुमार खजाना था, लेकिन जादूगर की नजर सिर्फ उस पुराने चिराग पर थी।
अलादीन ने चिराग ढूंढकर उसे उठाया। जैसे ही उसने चिराग जादूगर को देने की कोशिश की, जादूगर की असली मंशा सामने आ गई। उसने गुफा का दरवाजा बंद कर दिया और अलादीन को अंदर फंसा दिया। अलादीन अब अकेला और डरा हुआ था। उसे कोई रास्ता नहीं सूझा, लेकिन तभी उसकी नजर उस चिराग पर पड़ी। उसने चिराग को साफ करने की कोशिश की, और अचानक, धुएं का बादल उठने लगा। उस धुएं से एक विशाल जिन्न प्रकट हुआ।
जिन्न ने अलादीन से कहा, “मैं इस चिराग का जिन्न हूँ। तुम मेरे मालिक हो, जो चाहोगे मैं वह कर दूंगा।” अलादीन ने बिना देर किए जिन्न से कहा, “मुझे इस गुफा से बाहर निकालो।” जिन्न ने तुरंत उसकी आज्ञा मानी, और अलादीन को उसके घर वापस ले आया।
अब अलादीन के पास चिराग था, जो उसकी सभी इच्छाओं को पूरा कर सकता था। उसने अपनी मां को सारी कहानी सुनाई और जिन्न की मदद से उन्होंने अमीर बनने का फैसला किया। जिन्न की शक्तियों के जरिए अलादीन और उसकी मां अब किसी भी चीज की कमी में नहीं थे। वे अब शाही अंदाज में रहने लगे।
एक दिन, अलादीन की नजर शहर की खूबसूरत राजकुमारी बदर-उल-बदूर पर पड़ी। वह उसकी सुंदरता से मंत्रमुग्ध हो गया और उससे विवाह करने की इच्छा जताई। उसने जिन्न की मदद से राजकुमारी से भव्य तरीके से मुलाकात की। राजकुमारी को भी अलादीन पसंद आ गया, और सुल्तान ने दोनों की शादी तय कर दी।
लेकिन जादूगर ने अलादीन के चिराग की सच्चाई जान ली थी, और वह चिराग को वापस पाना चाहता था। वह एक बूढ़े व्यापारी के भेष में अलादीन के महल में आया और चिरागों के बदले नए चिराग देने का लालच दिया। राजकुमारी ने इस धोखे को नहीं पहचाना और उसने जादूगर को अलादीन का जादुई चिराग दे दिया।
जादूगर ने चिराग को पाकर जिन्न को बुलाया और उसके साथ अलादीन का महल और राजकुमारी को दूर ले गया। जब अलादीन वापस आया और यह देखा, तो वह बहुत दुखी हुआ। उसने हिम्मत नहीं हारी और अपनी बुद्धिमानी से जादूगर का पीछा किया। अलादीन ने अपनी सूझ-बूझ से जिन्न की मदद ली और जादूगर को हराया।
अंत में, अलादीन ने अपना चिराग, महल और राजकुमारी वापस पा ली। उन्होंने जादूगर को हमेशा के लिए खत्म कर दिया और फिर से अपनी खुशहाल जिंदगी जीने लगे। जिन्न ने अब अलादीन के प्रति अपनी वफादारी दिखाते हुए कहा कि वह हमेशा उसकी मदद करेगा।