Loading

एक घने जंगल में, एक पेड़ की ऊंची डाल पर एक कौवा बैठा था। वह एक बड़ा, रसीला टुकड़ा रोटी का अपनी चोंच में पकड़े हुए था। वहीँ, उस पेड़ के नीचे एक चालाक लोमड़ी घूम रही थी, जो भोजन की तलाश में थी। लोमड़ी ने जैसे ही कौवे को देखा, उसकी नजर उस रोटी पर पड़ी, और उसकी भूख और भी तेज़ हो गई।

लोमड़ी ने सोचा, “इस कौवे से रोटी छीनना मुश्किल है, लेकिन अगर मैं कुछ चालाकी करूँ, तो शायद काम बन जाए।”

लोमड़ी ने मीठी आवाज में कौवे को पुकारा, “ओह, कौवा भैया! तुम कितने सुंदर लग रहे हो आज। तुम्हारे काले पंख तो जैसे रात के आसमान में चमकते हुए तारे हों। और तुम्हारी आवाज़, ओह, वह तो इतनी मधुर है कि पूरा जंगल मंत्रमुग्ध हो जाता है जब तुम गाते हो। क्या तुम मेरे लिए एक मधुर गीत नहीं गाओगे?”

कौवा यह सुनकर बहुत खुश हुआ। उसने सोचा, “अरे, मुझे तो यह पहले पता नहीं था कि मेरी आवाज़ इतनी अच्छी है। अगर यह लोमड़ी मेरी तारीफ कर रही है, तो मुझे जरूर गाना चाहिए।”

कौवे ने तुरंत ही गाने की तैयारी की। उसने अपनी चोंच खोली और “काँव-काँव” करने लगा। लेकिन जैसे ही उसने चोंच खोली, रोटी का टुकड़ा उसकी चोंच से गिर गया और नीचे जमीन पर आ गिरा।

नीचे खड़ी लोमड़ी तो पहले से ही तैयार थी। उसने झट से वह रोटी उठाई और खाने लगी।

लोमड़ी ने मुस्कुराते हुए कहा, “धन्यवाद, कौवा भैया! तुमने मेरे दिन को बनाया। लेकिन याद रखना, ज्यादा तारीफ सुनकर कभी अपनी चतुराई मत खो देना।”

कौवा यह सुनकर बहुत शर्मिंदा हुआ। उसने सोचा, “इस लोमड़ी ने मुझे चालाकी से बेवकूफ बना दिया। मैं अपनी मूर्खता के कारण अपना भोजन खो बैठा। आगे से मैं कभी भी अपनी तारीफों के जाल में नहीं फँसूंगा।”

इस घटना के बाद, कौवा ने यह सबक सीखा कि मीठी बातें हमेशा सच्ची नहीं होतीं। वह समझ गया कि किसी की प्रशंसा सुनकर अपनी चतुराई को खो देना मूर्खता है। कौवा ने ठान लिया कि अब वह किसी की बातों में आकर अपनी चतुराई नहीं खोएगा और हमेशा सतर्क रहेगा।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें दूसरों की मीठी बातों में फंसकर अपने हितों को नहीं भूलना चाहिए। कभी-कभी, लोग अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए हमारी तारीफ करते हैं, और हमें इससे सावधान रहना चाहिए। लोमड़ी ने अपनी चालाकी से कौवे को मूर्ख बनाया, लेकिन कौवे ने भी इससे एक महत्वपूर्ण सबक सीखा।

इस तरह, कौवा ने अपनी गलती से सीखा और जंगल के बाकी जानवरों को भी यह कहानी सुनाई ताकि वे भी सतर्क रहें और किसी की मीठी बातों में आकर अपना नुकसान न करें।

2
0